Sunday, November 3, 2019

ए मेरे खुदा.....

ए मेरे खुदा.....
मैंने खामोश निगाहों से तुम्हे पूजा है
अपने अरमानो की खुशबु को बिखेरा भी नहीं
दिलमे जस्बात का तूफान छुपाने के लिए
तजकरा प्यार का कभी छेड़ा भी नहीं
मैंने खामोश निगाहों से तुम्हे पूजा है

मैंने वो ख़्वाब तुम्हारे जो कभी देखे थे
उनकी ताबीर मेरे दिल की तक़दीर नहीं
मेरी चाहत का तो अंदाज़ जुदागाना था
गर मिलन हो ना शका प्यार की तहक़ीर नहीं
मैंने खामोश निगाहों से तुम्हे पूजा है

दिल मैं गुज़रे हुए लम्हो की कशक बाकी है
ज़िन्दगी के लिए एक ये भी सहारा होगा
तुमको पाने की तमन्ना ने तो दम तोड़ दिया
तुमसे पाया जो गम ये तो हमारा होगा
मैंने खामोश निगाहों से तुम्हे पूजा है

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