Tuesday, May 13, 2008

JUST One para to explain life.....

Arthur Ashe, the legendary Wimbledon player was dying of AIDS which he got due to infected blood he received during a heart surgery in 1983.
From world over, he received letters from his fans, one of which conveyed: "Why does GOD have to select you for such a bad disease"?
To this Arthur Ashe replied:
The world over --
5 crore children start playing tennis,
50 lakh learn to play tennis,
5 lakh learn professional tennis,
50,000 come to the circuit,
5000 reach the grand slam,
50 reach Wimbledon,
4 to semi final,
2 to the finals,
When I was holding a cup I never asked GOD "Why me?".
And today in pain I should not be asking GOD "Why me?"
Happiness keeps u Sweet, Trials keep u Strong,
Sorrow keeps u Human, Failure Keeps u Humble,
Success keeps u glowing,
But only God Keeps u Going.....
Keep Going.....

Saturday, May 10, 2008

Possiblities of 22nd Century


Please Save Trees and Grow More Trees



Please Save Girls - Stop Killing Them

Thursday, May 8, 2008

कीसी को इतना याद न कर

कीसी के इतने पास न जा
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये

कीसी को इतना अपना न बना
की उसे खोने का डर लगा रहे
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये
तु पल पल खुद को ही खोने लगे

कीसी के इतने सपने न देख
के काली रात भी रंगीली लगे
आंख खुले तो बर्दाश्त न हो
जब सपना टूट टूट कर बीखरनेे लगे

कीसी को इतना प्यार न कर
के बैठे बैठे
आंख नम हो जाये
उसे गर मीले एक दर्द
इधर जींदगी के दो पल कम हो जाये

कीसी के बारे मे इतना न सोच
की सोच का मतलब ही वो बन जाये
भीड के बीच भी
लगे तन्हाई से जकडे गये

कीसी को इतना याद न कर
कीसी जहा देखो वोही नज़र आये
राह देख देख कर कही ऐसा न हो
जींदगी पीछे छूट जाये

जींदगी के लीये वक्त नही

हर खुशी है लोगो के दामन मै,
पर एक हंसी के
लीये वक्त नही|
ि
रात दौडती दुनीया मै,
जींदगी के लीये वक्त नही|

मा की लोरी का एह्सास तो है,
पर मा को मा कहेने का वक्त नही|
सारे रीश्तों को तो हम मार चुके,
अब उन्हे दफनाने का भी वक्त नही|

सारे नाम मोबाईल मे है,
पर दोस्ती के
लीये वक्त नही|
गैरो की क्या बात करे,
जब अपनो के लीये ही वक्त नही|

आंखो मे है नींद बडी,
पर सोने के लीये वक्त नही|
दील है गम से भरा हुआ,
पर रोने के लीये वक्त नही|

पैसो की दौड मे ऐसे दौडे,
की थकने भी वक्त नही|
पराये एह्सास की क्या कदर करे,
जब अपने सपनो के
लीये वक्त नही|

तु ही बता
जींदगी,
ईस
जींदगी क्य होगा|
की हर पल मरने वालो को,
जीने के लीये भी वक्त नही........