Arthur Ashe, the legendary Wimbledon player was dying of AIDS which he got due to infected blood he received during a heart surgery in 1983.
From world over, he received letters from his fans, one of which conveyed: "Why does GOD have to select you for such a bad disease"?
To this Arthur Ashe replied:
The world over --
5 crore children start playing tennis,
50 lakh learn to play tennis,
5 lakh learn professional tennis,
50,000 come to the circuit,
5000 reach the grand slam,
50 reach Wimbledon,
4 to semi final,
2 to the finals,
When I was holding a cup I never asked GOD "Why me?".
And today in pain I should not be asking GOD "Why me?"
Happiness keeps u Sweet, Trials keep u Strong,
Sorrow keeps u Human, Failure Keeps u Humble,
Success keeps u glowing,
But only God Keeps u Going.....
Keep Going.....
Tuesday, May 13, 2008
Saturday, May 10, 2008
Thursday, May 8, 2008
कीसी को इतना याद न कर
कीसी के इतने पास न जा
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये
कीसी को इतना अपना न बना
की उसे खोने का डर लगा रहे
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये
तु पल पल खुद को ही खोने लगे
कीसी के इतने सपने न देख
के काली रात भी रंगीली लगे
आंख खुले तो बर्दाश्त न हो
जब सपना टूट टूट कर बीखरनेे लगे
कीसी को इतना प्यार न कर
के बैठे बैठे आंख नम हो जाये
उसे गर मीले एक दर्द
इधर जींदगी के दो पल कम हो जाये
कीसी के बारे मे इतना न सोच
की सोच का मतलब ही वो बन जाये
भीड के बीच भी
लगे तन्हाई से जकडे गये
कीसी को इतना याद न कर
कीसी जहा देखो वोही नज़र आये
राह देख देख कर कही ऐसा न हो
जींदगी पीछे छूट जाये
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये
कीसी को इतना अपना न बना
की उसे खोने का डर लगा रहे
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये
तु पल पल खुद को ही खोने लगे
कीसी के इतने सपने न देख
के काली रात भी रंगीली लगे
आंख खुले तो बर्दाश्त न हो
जब सपना टूट टूट कर बीखरनेे लगे
कीसी को इतना प्यार न कर
के बैठे बैठे आंख नम हो जाये
उसे गर मीले एक दर्द
इधर जींदगी के दो पल कम हो जाये
कीसी के बारे मे इतना न सोच
की सोच का मतलब ही वो बन जाये
भीड के बीच भी
लगे तन्हाई से जकडे गये
कीसी को इतना याद न कर
कीसी जहा देखो वोही नज़र आये
राह देख देख कर कही ऐसा न हो
जींदगी पीछे छूट जाये
जींदगी के लीये वक्त नही
हर खुशी है लोगो के दामन मै,
पर एक हंसी के लीये वक्त नही|
िदन रात दौडती दुनीया मै,
जींदगी के लीये वक्त नही|
मा की लोरी का एह्सास तो है,
पर मा को मा कहेने का वक्त नही|
सारे रीश्तों को तो हम मार चुके,
अब उन्हे दफनाने का भी वक्त नही|
सारे नाम मोबाईल मे है,
पर दोस्ती के लीयेे वक्त नही|
गैरो की क्या बात करे,
जब अपनो के लीये ही वक्त नही|
आंखो मे है नींद बडी,
पर सोने के लीये वक्त नही|
दील है गम से भरा हुआ,
पर रोने के लीये वक्त नही|
पैसो की दौड मे ऐसे दौडे,
की थकने का भी वक्त नही|
पराये एह्सास की क्या कदर करे,
जब अपने सपनो के लीये वक्त नही|
तु ही बता ए जींदगी,
ईस जींदगी का क्या होगा|
की हर पल मरने वालो को,
जीने के लीये भी वक्त नही........
पर एक हंसी के लीये वक्त नही|
िदन रात दौडती दुनीया मै,
जींदगी के लीये वक्त नही|
मा की लोरी का एह्सास तो है,
पर मा को मा कहेने का वक्त नही|
सारे रीश्तों को तो हम मार चुके,
अब उन्हे दफनाने का भी वक्त नही|
सारे नाम मोबाईल मे है,
पर दोस्ती के लीयेे वक्त नही|
गैरो की क्या बात करे,
जब अपनो के लीये ही वक्त नही|
आंखो मे है नींद बडी,
पर सोने के लीये वक्त नही|
दील है गम से भरा हुआ,
पर रोने के लीये वक्त नही|
पैसो की दौड मे ऐसे दौडे,
की थकने का भी वक्त नही|
पराये एह्सास की क्या कदर करे,
जब अपने सपनो के लीये वक्त नही|
तु ही बता ए जींदगी,
ईस जींदगी का क्या होगा|
की हर पल मरने वालो को,
जीने के लीये भी वक्त नही........
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