Thursday, August 16, 2018

Agar hai shauk milne ka...

अगर है शौक मिलने का तो हर दम लो लगता जा ,
जला कर खुदनुमाई को , भसम तन पर लगाता जा ,

पकड़ कर इश्क़ की झाड़ू , सफा कर हिज्र -ए -दिल  को ,
दुई की धूल को ले कर ,मुसल्लेह पे उडाता जा ,

मुसल्लेह छोड़ , तस्बीह तोड़ , किताबें डाल पानी में ,
पकड़ तू दस्त मुर्शिद का, गुलाम उनका कहाता जा ,

न मर भूखा , न रख रोज़े , ना जा मस्जिद , ना कर सजदा ,
वज़ू का तोड़ दे कूज़ा , शराब -ए -शौक पीता जा ,

हमेशा खा , हमेशा पी , ना गफलत से रहो एकदम ,
नशे में सैर कर , अपनी खुदी को तू जलाता जा ,

ना मुल्ला हो , ना हो ब्राह्मण , दुई की छोड़ के पूजा ,
हुकुम है शाह -कलंदर का , अनल -हक़ तू कहाता जा ,

कहे मंसूर मस्ताना , मैंने हक़ -ए - दिल में पहचाना ,
वही मस्तों का मयखाना , उसी के बीच आता जा।

Miya Mir

Friday, July 27, 2018

I am I




I do my thing.
You do your thing.
I am not in this world to live up to your expectations.
You are not in this world to live up to mine.
You are You.
I am I.


If by chance we find each other,
it’s beautiful.
If not, it can’t be helped.
I lack love for myself
when, in any attempt to please you, I betray myself.
I lack love for you
when I try to make you be the way I want
instead of accepting you the way you really are.

You are You and I am I.

Tuesday, July 17, 2018

બુદ્ધ

નાહક કરીયે આપણે યુદ્ધ
મારે મન તો હુંય બુદ્ધ ને તુંય બુદ્ધ

હેમુ બુદ્ધુ 

Wednesday, June 6, 2018

प्रेम

💓प्रेम किया नहीं जाता!💓

प्रेम तो 
मन के भीतर
अपने आप 
अंकुरित होने वाली 
भावना है। 

प्रेम के 
अंकुरित होने पर 
मन के अंदर 
घृणा के लिए 
कोई जगह 
नहीं होगी। 

हम सबकी 
एक ही तकलीफ है। 
हम सोचते हैं कि 
हमसे कोई 
प्रेम नहीं करता। 

यह 
कोई नहीं सोचता 
कि प्रेम 
दूसरों से लेने की 
चीज नहीं है, 

यह देने की चीज है। 

हम प्रेम देते हैं! 
यदि शैतान से 
प्रेम करोगे तो 
वह भी प्रेम का 
हाथ बढ़ाएगा। 

दरअसल 
हमारे ही मन के अंदर 
प्रेम करने का 
अहंकार भरा है। 

इसलिए हम 
प्रेम नहीं करते, 
प्रेम करने का 
नाटक करते हैं !!

 💓ओशो💓