Wednesday, June 6, 2018

प्रेम

💓प्रेम किया नहीं जाता!💓

प्रेम तो 
मन के भीतर
अपने आप 
अंकुरित होने वाली 
भावना है। 

प्रेम के 
अंकुरित होने पर 
मन के अंदर 
घृणा के लिए 
कोई जगह 
नहीं होगी। 

हम सबकी 
एक ही तकलीफ है। 
हम सोचते हैं कि 
हमसे कोई 
प्रेम नहीं करता। 

यह 
कोई नहीं सोचता 
कि प्रेम 
दूसरों से लेने की 
चीज नहीं है, 

यह देने की चीज है। 

हम प्रेम देते हैं! 
यदि शैतान से 
प्रेम करोगे तो 
वह भी प्रेम का 
हाथ बढ़ाएगा। 

दरअसल 
हमारे ही मन के अंदर 
प्रेम करने का 
अहंकार भरा है। 

इसलिए हम 
प्रेम नहीं करते, 
प्रेम करने का 
नाटक करते हैं !!

 💓ओशो💓

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