कहने को हम पास है पर
कितनी दूरी है
ये भी कैसी मज़बूरी है
तुमसे हमदर्दी भी
नहीं कर सकता मैं
मेरे बस की बात नहीं है
मैं ये बहते आंसू पोंछू
उतनी मेरी औकात नहीं है
मै भी यहीं हूँ
तुम भी यहीं हो
पर सच ये है
मैं हूं कहीं
तुम और कहीं
कहने को हम पास है पर
कितनी दूरी है
ये भी कैसी मज़बूरी है